'en route'
Wednesday, 17 August 2016
"सदियों से दबे किसी नरम बीज का,
आज वृक्ष बन खड़ा हो जाना
कुछ ऐसा ही होता है शायद,
जीवन में बड़ा हो जाना।"
-गोल्डी तिवारी।
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